Getting My Shiv chaisa To Work
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
त्रयोदशी ब्रत करे shiv chalisa lyricsl हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
तज्ञमज्ञान – पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥